Monday, June 16, 2014

WORLD OF CHILDREN'S LITERATURE -बालसाहित्य संसार की नई रचनात्मक पहल




WORLD OF CHILDREN'S LITERATURE  फेसबुक ग्रुप प्रयोग के तौर पर दिल्ली एन सी आर में अब एक मासिक/द्वैमासिक संगोष्ठी आरम्भ करना चाहता है जहाँ बाल-साहित्य से सम्बंधित विविध विषयों पर सार्थक संवाद रखा जा सके. इस संगोष्ठी को आयोजित करने के लिए आप लोग किस तरह का सहयोग/सुझाव दे सकते हैं कृपया लिखें....
दिल्ली-एन.सी .आर से बाहर के बालसाहित्यकार/बालसाहित्य प्रेमी भी इस तरह की संगोष्ठियों को आयोजित करने में रूचि रखते हों तो वे भी अपने क्षेत्र में इस तरह की पहल कर सकते हैं और हमें उसकी यथा समय रपट /तस्वीर सहित पोस्ट सकते हैं ..ऐसी संगोष्ठियों से हमें बल मिलेगा फिर चाहे वे छोटे स्तर पर ही क्यों न हों. जहा बच्चों की उपस्थिति जरूरी हो वहां उन्हें जोड़ने का प्रयत्न किया जा सकता है.
असली बात है बच्चों के साहित्य और उसके जीवन में महत्त्व पर संवाद जारी रखने की ....आपके सुझावों का स्वागत रहेगा....यह समूह आपका अपना समूह है और इसके बैनर का उपयोग आप कर सकते हैं ...
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  • Vishal Yadav एक बेहतरीन प्रयास , दिल्ली आना जाना आसान है क्यूकी देश के हर हिस्से से इसका जुड़ाव बहुत बढ़िया है, मै कानपुर से हू, जरूर आऊँगा।
    1 hr · Unlike · 1
  • उमेश चन्द्र सिरसवारी बहुत सुन्दर और सार्थक प्रयास । मैँ हर संभव मदद करुँगा और कार्यक्रम मेँ सहभागिता भी करुँगा । आप कार्यक्रम की नीँब रखेँ, आपके प्रयास का स्वागत है । शुभकामनायेँ ।
    1 hr · Unlike · 1
  • Jagdish Vyom बहुत अच्छा विचार है मैं दिल्ली में ही हूँ और आपके साथ हूँ
    1 hr · Unlike · 1
  • Jagmohan Chopta bahut sundar prayash
    1 hr · Like
  • Pankaj Chaturvedi पहली गोष्‍ठी के लिए मेरा घर हाजिर है और मेरे लिए यह अवसर दे कर आप लोग क़़पा करेंगे
    1 hr · Like · 4
  • Ramesh Tailang पंकज जी आपका ह्रदय से आभार...पसंद तो सभी कर रहे हैं पर आपने अपना घर ही हाजिर कर दिया ...शुभारम्भ के लिए...इससे बढ़ कर अच्छा क्या होगा...दिन, समय और कार्यक्रम की रूपरेखा तय होते ही आपका सहयोग लेंगे. स्नेह बनाये रखें...
    1 hr · Like · 4
  • अनु प्रिया Ji sir main kab se iski rah dekh rahi hun
    1 hr · Unlike · 2
  • Pankaj Chaturvedi हर गोष्‍ठी का वषिय पहले से तय हो जैसे कि कहानी कविता आदि, किसी एक रचनाकार की रचना का पाठ एक दो पुस्‍तकों पर समीक्षा व नए अायोजन की सूचनाएं
    37 mins · Unlike · 5
  • Deendayal Sharma Sahitya srijan ke liye ek bahut hi sunder prayas. Badhaee.. Main bhi Bacchon ko goshthi kiya karoonga.. July 2014 se.. Fir se badhaee..
    19 mins · Unlike · 2
  • Omprakash Kashyap अच्छी योजना है. पंकजजी तो ऐसी गोष्ठी के लिए सदैव उत्सुक रहे हैं. इस बहाने उनके सान्निध्य का अवसर मिलेगा. जैसा कि पंकजजी ने कहा है, प्रस्तावित गोष्ठी की सार्थकता इसी में होगी कि उसका विषय पहले से तय कर लिया जाए और उसमें विमर्श के लिए भरपूर जगह हो.
    6 mins · Like · 1
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    • Rajnikant Shukla सुन्दर विचार
    • Bhairunlal Garg यह बहुत अच्छी योजना है ,निश्चित रूप से बालसाहित्य जगत में एक सार्थक एवं जरूरी हलचल शुरू होगी जो बालक और बालसाहित्य उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगी ! इस बहाने अब दिल्ली दूर भी नहीं रहेगी !-मेरी हार्दिक शुभ कामनाएं स्वीकारें !
    • Akhilesh Srivastava Chaman swagatyogya kadam hai. yah prayas sahitya ke liye sanjivani ka kam karega. gosti ka samay, tithi aur sthan ki ghosda pahle se ho jaye to kabhi kabhar ncr se bahar ke log bhi bhag le sakege.
    • Ramesh Tailang सभी मित्र बालसाहित्यकारों का ह्रदय से आभार. पहली संगोष्ठी जो श्री पंकज चतुर्वेदी जी के निवास पर होगी, उसका पूर्ण विवरण उनसे बात कर शीघ्र ही इस पट्टी पर तथा इस समूह के ब्लॉग पर डाला जाएगा. लेकिन इस निवेदन को ध्यान में रखें कि यह प्रयास नितांत निजी स्तर एवं शून्य संसाधनों पर शुरू किया जा रहा है ..इसलिए आपको प्रतिभागिता हेतु अपना श्रम, समय, संसाधन तथा सहयोग स्वयं ही जुटाना होगा. हम तो अपनी कृतज्ञता ही ज्ञापित कर सकते हैं...हमारा सिर्फ एक उद्द्येश्य है कि बच्चों के जीवन में अच्छे साहित्य की भूमिका को रेखांकित कर सकें और उन्हें संवेदनशील आत्मनिर्भर व्यक्ति बनाने में अपने साहित्य सृजन तथा पुस्तकों के अवदान को सार्थक बना सकें...आप सभी प्रबुद्धजन हैं और बच्चों से संवाद करने का एक कारगर माहौल बनाने तथा उनकी शिक्षा में साहित्य/कला का हस्तक्षेप करने में आपका सहयोग सदैव अपेक्षित रहेगा. सादर, र.तै.
      June 17 at 7:11pm · Edited · Like · 5
    • Pankaj Chaturvedi धन्यवाद मेरा आग्रह स्वीकार करने के लिए
    • उमेश चन्द्र सिरसवारी वाह... यह योजना कारगर साबित होती नजर आ रही है । इस बहाने अच्छे अच्छे लोगोँ से भी मिलना हो जायेगा । आप कार्यक्रम की रुपरेखा बनायेँ और मेरे लायक कार्य भी । मैँ कार्यक्रम मेँ पहुँचूँगा । पंकज जी और आप सभी का आभार
    • Deendayal Sharma pls. july ke kisi sunday se shuruaat karna...
    • Vishnuprasad Chaturvedi सही है। शुरु करिए।
    • Deven Mewari प्रशंसनीय!
    • Renu Chauhan प्रशंसनीय!
      22 hours ago · Like · 1
    • Renu Chauhan I would love to get associated with
      18 hours ago · Unlike · 2
    • Balram Agarwal इस संगोष्ठी की शुरुआत आज शाम से हो गयी समझिए। आज मैं और अजय कुमार (मेधा बुक्स) तैलंग जी के घर पर थे और करीब दो घंटे बाल साहित्य सहित विभिन्न विषयों पर जमकर बातचीत हुई। आगामी मीटिंग भी जल्दी ही होगी।
      10 hrs · Like · 3
    • Care Naman Bilkul Sir ji mujhe aapke aamantran ka intjaar rahega .....
      9 hrs · Like
    • Vishnuprasad Chaturvedi आपने शुभम शीघ्रम को चरितार्थ कर दिखाया। धन्यवाद। क्या निकल कर आया यह भी बता दें।
      4 hrs · Like
    • Balram Agarwal Vishnuprasad Chaturvedi जी, विस्तृत ब्यौरा देना तो तैलंग जी के ही जिम्मे रहा। आप बस यह स्वीकार कर लीजिए कि हमने पहाड़ नहीं खोदा।
      3 hrs · Like · 1
    • Ramesh Tailang मित्रो!

      आप सबका उत्साह वन्दनीय है. पहली संगोष्ठी का विवरण आपके समक्ष शीघ्र ही इसी समूह पट्टी पर होगा. बस आपके ध्यानार्थ कुछ बातें स्पष्ट कर देना आवश्यक है -
      १. फिलहाल ये संगोष्ठियाँ रोटेशन से मित्र साहित्यकारों के निवासस्थान पर होंगी इसलिए स्थान और प्रतिभागियों की संख्या की सीमा भी होगी जिसे देखते हुए आप आशा है अन्यथा नहीं लेंगे.
      २. इन संगोष्ठियों का व्यक्तिगत रूप से अलग से आमंत्रण पत्र भेजना संभव नहीं होगा और आयाजन की तिथि, समय, विषयवस्तु आदि की सूचना इस समूह पट्टी या फेसबुक के इवेंट कालम में उपलब्ध होगी.
      ३. जो मित्र बालसाहित्यकार इन संगोष्ठियों में आने का कार्यक्रम बनाएं वे अपने आगमन की सूचना उस समूह पट्टी तथा इवेंट कालम में अवश्य दर्ज कर दें जिससे हमें संभावित संख्या का अनुमान रहे.
      ४. दिल्ली के बाहर से आने वाले मित्र बालसाहित्यकारों को संगोष्ठी में आने की व्यवस्था स्वयम करनी होगी और हमें यथासंभव उनका स्वागत/सत्कार करके प्रसन्नता होगी. लेकिन हमारा उद्द्येश्य और हमारी आकांक्षा ये है कि ऐसी संगोष्ठियों का आरम्भ आपके नगर में भी हो और ये सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित हो कर न रह जाएँ. स्थानीय आयोजन संगोष्ठियों की इस परंपरा को विस्तार भी देंगे और समय तथा व्यय की भी वचत करेंगे. आपके नगरों में आयोजित संगोष्ठियों की रपट हम बालसाहित्य की इस समूह पट्टी तथा अन्य ब्लोग्स पर प्रकाशित करते रहेंगे. 
      ५. आप अपने नगर में अपने ढंग से कुछ नए प्रयोग करेंगे जिनसे हमें भी कुछ सीखने का अवसर मिलेगा. संगोष्ठियों की रूपरेखा क्या और किस तरह होगी यह हमारे साथ आपको भी सोचना है . थोडा सा संकेत श्री पंकज चतुर्वेदी जी ने अपनी पोस्ट में पहले ही दे दिया है पर एक बालसाहित्यकार की भूमिका में आप सिर्फ साहित्य ही नहीं रचते हैं, अपितु बच्चों के संसार में जो कुछ भी घटित हो रहा है उससे भी रू-ब-रू होना आपका दायित्व है इसलिए इन संगोष्ठियों में साहित्य के साथ बच्चों की समस्याओं और उनके निदान भी पर बातचीत करने के लिए आप अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों को विशिष्ट वक्ता के रूप में आमंत्रित कर सकते हैं. इनमें बाल मनोवैज्ञानिक/समाजशास्त्री /चिकित्सक/ वैज्ञानिक/शिक्षक/अभिभावक कोई भी हो सकते हैं...कभी- कभी स्वयम बच्चों को भी अपने उदगार करने का अवसर दें क्योंकि हमारे समूचे कार्य-व्यापार के केंद्र तो वे ही हैं. 
      ६. दिल्ली में पहली संगोष्ठी का अनौपचारिकआरम्भ श्री पंकज चतुर्वेदी जी से बात करने के बाद संभवतः जुलाई से ही हो सकेगा.. विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा करें और अपने नगर/क्षेत्र में भी बालसाहित्य पर संवाद करने की पहल शुरू कर दें....

      शुभकामनाओं सहित : र.तै
  • Ramesh Tailang

3 comments:

  1. एक अच्छी और सार्थक सोच, मेरी ओर से शुभकामनाएं स्वीकारें। आशा करता हूं कि ऐसे प्रयास रंग लाएंगे और बाल सहित्य को मुख्यधारा में लाना की दिशा में महती भूमिका निभाएंगे।

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    2. धन्यवाद जाकिर अली जी आपकी शुभकामनाएं हमें बल देंगी. -र.तै.

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