Wednesday, June 24, 2015

श्री शेरजंग गर्ग को साहित्‍य अकादेमी बालसाहित्‍य पुरस्‍कार 2015



बच्‍चों के प्रिय कवि श्री शेरजंग गर्ग को साहित्‍य अकादेमी बालसाहित्‍य पुरस्‍कार 2015 प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है। 
उन्‍हें हार्दिक बधाई और शुभकामनाऍं। 

The official sources from the Sahitya Akademi, New Delhi, have announced that the beloved poet of Children Dr. SherJung Garg is the person who would be awarded with Sahitya Akademi Children's Literature Award 2015. Hearty Congratulations  to Dr. Garg from the World of Children's Literature Group!

डा. शेरजंग गर्ग की बाल कविताऒं पर एक विस्तृत टिप्पणी इसी ब्लोग पर 19-12-2014 की पोस्ट में आप पढ़ सकते हैं।

अन्य भाषाओं पर दिये जाने वाले साहित्य अकादमी बाल-साहित्य पुरस्कार 2015  हेतु चयनित साहित्यकारों की सूची इस प्रकार है: 








- रमेश तैलंग




Friday, June 5, 2015

बच्चों की किताबों को अभद्र शब्दावली (गाली-गलौज आदि) से मुक्त रखने की पहल




बच्चों की किताबें  अवांछित, अशालीन और अभद्र शब्दों के प्रदूषण से मुक्त रहें इसके उपाय दुनिया भर में ढूंढ़े जा रहे है। अमेरिका के एक दंपति ने तो, जो अपनी बेटी को "अभद्र शब्दों वाली किताबों से बचाना चाहते थे, इसके लिए एक "अप्लेकेशन" बना भी लिया  हैं । इस अप्लीकेशन" में शब्दों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है -"क्लीन, क्लीनर और स्क्वीकी क्लीन" लेकिन कौन सा शब्द किस श्रेणी में रखा जायेगा, यह  अभी स्पष्ट नहीं है।  निकट-भविष्य में संभव है, इसे अभिभावक स्वयं तय कर सकें।
समस्या यह है कि अभद्र शब्दावली, जिनमें गालियां भी शामिल है, का औचित्य-अनौचित्य भौगोलिक क्षेत्रों, संस्कृति तथा समय के परिवर्तन केअनुसार बदलता रहता है और इस प्रक्रिया में उत्साहवश निर्दोष शब्दों पर भी छुरी चल जाए, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस "अप्लीकेशन" के इस्तेमाल से पहले यदि बच्चों के कुछ सम- समूह किताब के  मूल पाठ को परिष्कृत होने से पहले पढ़ चुके हों तो यह सारी कवायद ही निरर्थक हो जाएगी और इस अप्लीकेशन का कम से कम उनके लिए कोई महत्व ही नहीं रहेगा।
- रमेश  तैलंग

(इन्पुट्स-साभार -एकोनोमिक्स टाइम्स)
इमेज सौजन्य -गूगल)